पोहा पैकिंग मशीन के बारे में ज़रूरी जानकारी
पोहा बहुत ही पपड़ीदार वस्तु होती है। वज़न में यह बहुत हल्की होती है। पोहा अपने आप ऑटोमेटिक तरीक़े से अच्छे से बह नहीं पाता है। पोहा को जब वॉल्युमेट्रिक कप फिलिंग सिस्टम में पैक करने की कोशिश की जाती है तो उसमें बहुत दिक़्क़तें उठानी पड़ती है। मसलन, इस प्रक्रिया में वॉल्युमेट्रिक कप्स पूरी तरह से नहीं भरते और यदि पूरी तरह भर भी जाते हैं तो फिर वो पूरी तरह से वाल्युमेट्रिक कप्स से बाहर नहीं निकल पाता है। इस वजह से पोहे को कप फिलर में पैक करने से वज़न में काफी फ़र्क़ आता है। पोहा हमारे जलपान और नाश्ते का प्रमुख हिस्सा बन चुका है। प्रमुख रूप से पश्चिमी भारत में पोहा की माँग में नियमित रूप से बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। ऐसे में अब ऑटोमेटिक पोहा पैकिंग मशीन की ज़रूरत पहले से काफी ज़्यादा बढ़ गई है।
बाज़ार में यूँ तो पोहा ख़ुद ही एक प्रतिस्पर्धी उत्पाद है। वहीं, पैकिंग में आड़े आने वाली दिक़्क़ते पोहा निर्माताओं के मुनाफ़े पर व्यापक असर डाल रही हैं। यह बेहद ज़रूरी है कि पोहा की लागत को प्रभावी बनाए रखने के लिये उसकी पैंकिग में होने वाले नुकसान में कटौती की जाये। वहीं, पोहा का मूल्य प्रभावी बनाये रखने के लिये इसमें मज़दूरी की लागत, सामग्री पर ख़ास जोर देने की ज़रूरत है।
सामान्य तौर पर पोहाक को 200 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम के पैकेट में पैक किया जाता है। और अब यह संभव हो गया है कि आप अलग अलग वज़नों के पैकेटों को एक ही मशीन से पैक कर सकते हैं। पोहा पैकिंग मशीन में ऐसी क्षमता होना चाहिये कि एक वज़न से दूसरे वज़न के पैकेट आसानी से तैयार किये जा सके। इसके लिये मशीन में किसी प्रकार का कोई फ़ेरबदल करने की ज़रूरत न महसूस हो। पोहा पैकिंग के दौरान उसके कुल वज़न की गुणवत्ता को बरक़रार रखते हुये इस बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है कि कहीं पोहा मशीन में फँस न जाये और आसानी से पैकेट में भर जाये। पोहा पैकिंग मशीन को चलाना सरल होना चाहिये ताकि इस मशीन को चलाने में किसी विशेष प्रकार के हुनर की ज़रूरत न पड़े। और हाँ यदि किसी प्रकार के कौशल की ज़रूरत पड़े तो इसे सीखना भी बेहद सरल हो।
पारंपरिक तौर पर बहुत से उद्योगों में 3-5 लोग पैकिंग का काम करते हैं, वहाँ पर पोहा को हाथ से ही पैक किया जाता है। इसके बाद तराज़ू पर पैकेट को तोला जाता है। और फिर वज़न किये हुये पैकेट को सील बंद करते हुये बिक्री के लिये बाज़ार में उतारा जाता है। जैसे जैसे पैकिंग की मात्रा बढ़ती जाती है वैसे-वैसे पैकिंग के कामकाज से जुड़े लोगों की देखरेख करना चुनौतीपूर्ण होता जाता है। लिहाज़ा, इन कठिनाइयों से निपटने हेतू निर्माता पोहा पैकिंग का काम प्रति पीस के हिसाब से ठेके पर दे देता है। लेकिन, यह प्रक्रिया लम्बे समय तक चलती है तो पैंकिग के मद में अच्छा खासा पैसा ख़र्च हो जाता है। वहीं, ठेके पर पैकिंग करवाने से निर्माताओं को पैकेट में पैक हुई सामाग्री की तौल, साफ़ सफ़ाई, गुणवत्ता से भी समझौता करना पड़ता है जिसका सीधा प्रभाव निर्माता की साख पर पड़ता है।
एक क़ामयाब और मुनाफ़े वाले पैकिंग ढाँचे के लिये पोहा पैकिंग का कोई बेहतरीन विकल्प होना बेहद ज़रूरी है। ऐसा विकल्प जो पोहा पैकिंग की प्रक्रिया के दौरान सामग्री की बचत के साथ मज़दूरी पर लागत ख़र्च को भी अनुकूल बना सके। प्रत्येक पैकेट में यदि कुल वज़न से कम सामाग्री पैक हुई है तो डिस्ट्रीब्यूटरों और डीलरों से शिकायतें मिलती हैं। इस समस्या से निपटने के लिये निर्माताओं को मज़बूरन प्रत्येक पैकेट में ज़्यादा मात्रा में सामग्री को पैक करना पड़ता है। वहीं, अगर पैकेट में पैक हो रही सामग्री की ज़्यादा मात्रा को नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रत्यक्ष रूप से यह मुनाफ़े को प्रभावित करती है। इन्हीं सब प्रमुख कारणों को ध्यान में रखते हुये यह महत्वपूर्ण हो गया है कि पोहा पैकिंग के लिये कोई प्रभावी विकल्प हो।
एक क़ामयाब पोहा पैकिंग मशीन के लिये यह बेहद ज़रूरी है कि पैकिंग मशीन माल के वज़न में बचत करें, कम समय में पैकिंग करें, साफ़-सफ़ाई से पैकिंग हो। इसके साथ ही पैक किये हुये पैकेट में बैच कोड की मार्किंग और बैट कटिंग भी स्पष्ट हो।
वहीं, अगर पैकेट में पैक हुये पोहे का कुल वज़न निर्धारित वज़न से कम होता है तब डिस्ट्रब्यूटरों और डीलरों से शिकायतें आती हैं। इस समस्या से निपटने के लिये निर्माताओं को मज़बूरन अधिक मात्रा में पोहा को पैकेट में पैक करना पड़ता है। वहीं, अगर पैकेट में ज़्यादा मात्रा में पोहा देने के सिलसिले को नियंत्रित नहीं किया गया तो इसका विपरीत असर निर्माताओं के मुनाफ़े पर असर डालता है। वहीं, घाटे में जाने वाली 60 फ़ीसदी इकाइयों के बंद होने का प्रमुख कारण यही है।
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पोहा पैकिंग मशीन का समाधान
हम ऐसी पोहा पैकिंग मशीन को बनाते है जो वज़न के हिसाब से पैकेटों में सामग्री को भरती है और स्वयं ऑटोमेटिक तरीक़े से इन पैकेटों को पैक भी करती है। पोहा पैकिंग मशीन से जुड़ी अहम बातों को जानने के लिये आइये देखते है नीचे दिये गये वीडियो को। हम इस वीडियो के ज़रिये आपको बतायेंगे कि किस तरह से हमारी पैकिंग मशीन से पोहा के पैकेटों को पैक किया जाता है।
वाल्युमेट्रिक कप फिलर से भिन्न इस मशीन में हौपर के निचले हिस्से में वाइब्रेटरी फीडर्स लगे होते हैं। मशीन की कम्पन प्रक्रिया और नियंत्रण की वजह से पोहा हौपर से तोलने वाले पलड़े में आसानी से चला जाता है। तोलने वाले पलड़े में इसका वज़न ख़ुद ऑटोमेटिक तरीक़े से हो जाता है। इसके बाद पोहा पैकेट में भर जाता है।
वहीं, विभिन्न वज़न के पोहा पैकेटों को एक ही मशीन के द्वारा पैक किया जा सकता है। एक वज़न से दूसरे वज़न की सेटिंग पर जाना बेहद सरल है। आपको मशीन में लगे बटनों को बस क्लिक करना पडेगा। और फिर आप जिस वज़न के पैकेट को पैक करना चाहते हैं ठीक उसी तरह की पैकिंग शुरू हो जाती है। एक ही मशीन में अलग-अलग चौड़ाई वाले पैकेटों को भी पैक करने की सुविधा दी गई है। प्रत्येक पैकेट की चौड़ाई के सामान उसकी लेमिनेट रोल की चौड़ाई भी होगी। वहीं, पैकेट का नाप और चौड़ाई पैकेट की चौड़ाई पर निर्भर करेगा। यदि आप पैकेट की चौड़ाई बदलना चाहते हैं तो आपको लेमिनेट रोल और फ़ॉर्मिंग च्यूट को बदलना होगा। इसके अलावा आपको वज़न की सेटिंग कंट्रोल पैनल से करनी पड़ेगी।
मशीन से पैक हो रहे पोहा के पैकेटों में नाइट्रोजन भरने की वैकल्पिक सुविधा भी प्रदान की गई है। इसे कंट्रोल पैनल की मदद से शुरू या बन्द किया जा सकता है। अगर आपको पोहा पैकेटों में नाइट्रोजन भरना है तब नाइट्रोजन सिलेंडर या नाइट्रोजन जनरेटर को पोहा पैकिंग मशीन के साथ जोड़ना पड़ेगा। हमारी मशीन में लगा बैच कोडिंग यूनिट पोहा के पैकेटों पर तय की गई जगहों पर कई लाइनों को छाप सकता है। वहीं, स्टैंडर्ड मशीन में न्यूमेटिक कोडर शामिल होता है। हालांकि, मशीन के साथ रिबन कोडिंग अतिरिक्त सामान के तौर पर मिलता है। इस रिबन कोडिंग के ज़रिये मशीन से चार महत्वपूर्ण जानकारियों जैसे कुल वज़न, एमआरपी, लॉट कोड और उत्पादन की तारिख़ को सामग्री के पैकेटों पर छापा जा सकता है।
इसके अलावा मशीन में वैकल्पिक तौर पर ऑउटपुट कन्वेयर दिया गया है जिसके ज़रिये मशीन से पोहा के पैकेटों को बाहर निकाला जा सकता है। वहीं, एक, दो या चार वैइंग हैड्स के साथ ऑटोमेटिक पोहा पैकिंग मशीन प्रारूप में उपलब्ध है। यह ग्राहक को उनके बजट और रफ़्तार की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुये बेहतरीन मशीन का चयन करने का विकल्प भी प्रदान करता है।
इसके अलावा मशीन में वैकल्पिक तौर पर ऑउटपुट कन्वेयर दिया गया है जिसके ज़रिये मशीन से पोहा के पैकेटों को बाहर निकाला जा सकता है। वहीं, एक, दो या चार वैइंग हैड्स के साथ ऑटोमेटिक पोहा पैकिंग मशीन प्रारूप में उपलब्ध है। यह ग्राहक को उनके बजट और रफ़्तार की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुये बेहतरीन मशीन का चयन करने का विकल्प भी प्रदान करता है।
हमारे पास सेमिऑटोमेटिक पोहा पैकिंग मशीन भी उपलब्ध है। इसमें पोहा के पैकेटों को पैक करने का तरीक़ा फुली ऑटोमेटिक मशीन की तरह ही है। लेकिन, इस मशीन में अन्तर यह है कि इसमें बैगिंग मशीन को हटा दिया जाता है और मशीन चलाने वाले ऑपरेटर को पोहा के पैकेट को डिस्चॉर्ज फनल के नीचे लगाना पड़ता है। इसके बाद ऑपरेटर को पोहा के पैकेटों को अलग से सील करना पड़ता है। पोहा के पैकेटों को पैक करने का यह बेहद किफ़ायती तरीक़ा है। यह तरीक़ा नई इकाइयों के लिये आदर्श भी है। इससे आप पोहा के 1 किलोग्राम वाले पैकेट तकरीबन 1 से दो टन तक प्रति दिन तैयार कर सकते हैं। इससे जुड़ी और अधिक जानकारी हासिल करने के लिये आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपको आपकी ज़रूरत के हिसाब से आपको सबसे उचित समाधान उपलब्ध करायेंगे।
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