ड्राई फ्रूट पैकिंग मशीन से जुड़ी विशेष बातें
ड्राई फ्रूट में सबसे ज़्यादा बादाम और काजू की पैकिंग की जाती है। ड्राई फ्रूट में शामिल बादाम और काजू महँगे होते हैं। दानेदार या स्नैक फूड आइटम्स के मुक़ाबले बादाम और काजू वज़नी होते हैं। इन्हें अमूमन 50 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम के पैकेट में पैक किया जाता है। चूँकि ड्राई फ्रूट के दाम ज़्यादा होते हैं इसलिये बादाम पैकिंग मशीन और काजू पैकिंग मशीन की आवश्यकता होती है। इसके पीछे वजह है कि ड्राई फ्रूट को पैकेट में भरते हुये अगर पैकेट का वज़न निर्धारित वज़न से ज़्यादा हो जाता है तो ऐसी स्थिति में निर्माता को ज़्यादा माल देने की एवज में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ड्राई फ्रूट के प्रति बढ़ती स्वास्थ्य चेतना और माँग के मद्देनज़र निर्माताओं पर निरंतर दबाव बन रहा है कि वो अधिक मात्रा में पैकेट तैयार करें। इसमें ध्यान देने के बात है कि ड्राई फ्रूट की पैकिंग की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिये और पैकेट में मौज़ूद सूखे मेवा का कुल वज़न सटीक हो।
सूखे मेवा के कारोबार के जुड़ी ज़्यादातर कंपनियाँ सूखे मेवे की पैकिंग हाथ से ही करती है। इसके लिये 3 से 6 लोगों की टीम होती है जो पैकेट में ड्राई फ्रूट को भरती है। इसके बाद पैकेट का वज़न किया जाता है। वज़न किये पैकेट को एक बार फिर जाँचा जाता है। आख़िरी में एक व्यक्ति अपने हाथ से ड्राई फ्रूट के पैकेट को सील करता है। इस प्रक्रिया में बहुत सारी चुनौतियाँ शामिल हैं जैसे पैकिंग के लिये निरंतर लोग नहीं मिलते हैं और कुछेक लोगों पर निर्भरता बन जाती है जो तराज़ू में तेज़ी से तौलने में माहिर हो जाते हैं। ड्राई फ्रूट के कारोबार के पीक सीज़न में पैकिंग के लिये पर्याप्त संख्या में लोग उपलब्ध नहीं हो पाना अधिकतर निर्माताओं के लिये निरंतर समस्या बनी हुई है। यदि पैक की गई थैली में वज़न नियंत्रित मात्रा से कम पाया जाता है तो प्रशासनिक मुद्दों से रू-ब-रू होना पड़ता है। निर्माताओं के लिये यह एक और चुनौती है कि जो लोग मेवे की तौल कर रहे हैं वो कामकाज में तो कुशल है लेकिन पैकेट में पैक होना वाला मेवे के कुल वज़न पर कारगार तरीक़े से नियंत्रण और निगरानी का आभाव होता है। वहीं, जब तक नाप तौल पर निगरानी करने के लिये कोई होता है तब तक तो सब ठीक ठाक चलता है लेकिन निगरानी के आभाव में ये कम या ज़्यादा होने लगता है। इस वजह से बिक्री में दिक़्क़ते आने लगती है क्योंकि ख़ुदरा व्यापारी और डिस्ट्रीब्यूटर तौल और पैकिंग से जुड़ी शिकायतें करते हैं। इस वजह से बिक्री में बढ़ोत्तरी होना एक चुनौती बन जाता है। निर्माता की उत्पादन क्षमता जब तक 500 से 1000 पैकेट प्रति दिन की होती तब तक हाथ से पैकेटों को भरने में दिक़्क़त महसूस नहीं होती है। इस तरह के हाथ से पैकिंग करने के सिस्टम में कोई नुकसान भी नहीं क्योंकि कारोबारी इकाई को शुरू करने के लिहाज से यह काफी सस्ता भी है, लेकिन, यह प्रारूप स्वयं अपने आप में बाधा बनने लगता है जैसे ही उत्पादन रफ़्तार पकड़ने लगता है। लिहाज़ा, यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि काजू और ड्राई फ्रूट की पैकिंग में होने वाले नुकसान को नियंत्रित किया जाये। इसके अलावा प्रतिस्पर्धी लागत को बरक़रार रखने के लिये पैकिंग को प्रभावशाली और उसकी रफ़्तार को बेहतर करना लाज़मी हो जाता है। निर्माताओं का ध्यान अब मज़दूरी की लागत को बचाने और हुनरमंद कारिगरों के मिज़ाज़ और बढ़ती अपेक्षाओं पर केंद्रित हो रहा है। ड्राई फ्रूट की पैकिंग 50 ग्राम से 1 किलोग्राम तक के पैकेटों में होती है। वहीं, एक ही मशीन विभिन्न वज़न वाले ड्राई फ्रूट के पैकेटों को पैक करने में सक्षम हो। निर्माताओं की ख़्वाहिश होती है कि काजू और बादाम की पैकिंग करने वाली मशीन में एक वज़न से दूसरे वज़न में बदलने की प्रक्रिया सरल हो और इसमें कलपुर्जे बदलने का कोई झंझट न हो। ड्राई फ्रूट के पैकेट के कुल वज़न की प्रमाणिकता को बरक़रार रखा जाता है। मशीन को चलाना सरल होना चाहिये और मशीन पर किसी नये व्यक्ति को प्रशिक्षित करना भी सुलभ होना चाहिये। यह सब ड्राई फ्रूट निर्माताओं से मिले सुझाव पर आधारित है। क़ामयाब सूखे मेवे की पैकिंग मशीन के लिये ज़रूरी है कि मशीन अतिरिक्त माल को पैक होने से बचाये, कम समय में पैकिंग करें, तौलने और पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले हुनर पर निर्भरता को ख़त्म करें। इसके अलावा मशीन स्वच्छ तरीक़े से बैच कोड मार्किंग और बैच कटिंग के साथ पैकिंग की प्रक्रिया को अंजाम दे। वहीं, प्रत्येक पैकेट में पैक किया गया माल यदि कम होता है तो डिस्ट्रीब्यूटरों और डीलरों की तरफ़ से शिकायतें आती है। इस तरह की शिकायतों से निपटने के लिये निर्माता अपने पैकेटों में ज़्यादा मात्रा में माल पैक करवाते हैं।
वहीं, कारोबार के लिहाज़ से प्रत्येक पैकेट में ज़्यादा मात्रा में माल देना सालाना आधार पर देखें तो यह बहुत बड़ी संख्या बन जाती है। लिहाज़ा, पूरे उद्यम का मुनाफ़ा घटाने में यह प्रमुख मुद्दा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इस बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिये आप हमारा यह वीडियो देखे। इस वीडियो में बताया गया कि आप किसी तरह आधुनिक पैकिंग मशीन के ज़रिये अपने 8.66 लाख रुपये सालाना की बचत कर सकते हैं।
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ड्राई फ्रूट पैकिंग मशीन
मंकी ऑटोमेटिक काजू पैकिंग मशीन और ऑटोमेटिक बादाम पैकिंग मशीन बनाती है। नीचे दिये गये वीडियो में हम आपको ड्राई फ्रूट की पैकिंग मशीन को चलाने और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बतायेंगे। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक मशीन है। हालांकि, किफ़ायती क़ीमत पर सेमी ऑटोमेटिक पैकिंग मशीन भी उपलब्ध है जो दो लोगों की मदद से तकरीबन 5000 पैकेट प्रति दिन पैक करने की क्षमता है।
इस मशीन में ड्राई फ्रूट को टॉप हौपर में लोड किया जाता है, जो वाइब्रेटरी फीडर्स की मदद से बादाम और काजू को तौलने वाले पलड़े पर ले जाता है जहाँ सटीक तरीक़े से इसका वज़न किया जाता है। इसके बाद ड्राई फ्रूट आगे बढ़कर बैगर में आ जाता है जहाँ यह पैकेट के रूप में सील हो जाता है।
हम आपको बताना चाहेंगे कि बादाम और काजू के विभिन्न वज़न वाले पैकेटों को एक ही मशीन से पैक किया जा सकता है। इसके लिये आपको निर्धारित वज़न को सेट करना पड़ता है जो प्रोग्राम मेमोरी में सेव हो जाता है। और किसी भी वज़न की सेटिंग आप वापस आ सकते हैं बस इसके लिये आपको डिस्प्ले पैनल पर लगे कुछ बटनों को दबाना पड़ता है। हमारी ड्राई फ्रूट पैकिंग मशीन विभिन्न चौड़ाई और वज़न वाले पैकेटों को पैक कर सकती है। पैकेट के लेमिनेट रोल की चौड़ाई में हेर-फेर होता जैसे जैसे पैकेट की चौड़ाई में बदलाव होता है। इसके अनुसार ही पैकेट के फॉर्मिंग च्यूट में भी बदलाव दर्ज होगा। मशीन में यदि आप पैकेट की चौड़ाई को बदलना चाहते हैं तो आपको लेमिनेट रोल और फ़ॉर्मिंग च्यूट को बदलना होगा। इसके लिये आपको अनुकूल वज़न की सेटिंग को वापस मशीन में लगे डिस्प्ले पैनल से दुरुस्त करना पड़ेगा।
हमारी मशीन में लगा बैच कोडिंग यूनिट ड्राई फ्रूट के पैकेटों की निर्धारित जगह पर कई लाइनों को छाप सकता है। यह स्टैंडर्ड ऑटोमेटिक पैकिंग मशीन के हिस्से के तौर पर आता है। हालांकि, कोई भी रिबन कोडिंग यूनिट को विकल्प के तौर चयन कर सकता है। इसके ज़रिये सरलता और ऑटोमेटिक तरीक़े से पैकेटों पर एम.आर.पी, लॉट कोड, पैकिंग की तारीख़ और कुल वज़न को अंकित किया जा सकता है।
मशीन में ऑउटपुट कन्वेयर का भी विकल्प मौज़ूद है जो तैयार किये गये पैकेटों को मशीन से बाहर निकालता है।
निर्माताओं के विभिन्न उत्पादन स्तर की ज़रूरतों का ध्यान रखते हुये इस पैकिंग मशीन को 2 से 4 वैइंग हैड्स के साथ अलग-अलग वैरिएंट में उतारा गया है। हमने किफ़ायती दामों पर बादाम और काज़ू को पैक करने वाली सेमी ऑटोमेटिक पैकिंग मशीन उपलब्ध कराई है। इस मशीन से पैकेटों में माल भरने की प्रक्रिया फुली ऑटोमेटिक मशीन की तरह है। बस एक अन्तर है कि इसे किफ़ायती बनाने के लिये मशीन से बैगर को हटा दिया गया है। यह प्रणाली कम उत्पादन वाले या शुरू हुई नई इकाइयों के लिये बेहतर है जो 1 किलोग्राम वाले पैकेट रोज़ाना 2000 किलोग्राम पैक करती हैं।
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